बांगरमऊ उपचुनाव दिलचस्प मोड़ पर (विनोद मिश्र की रिपोर्ट)
उन्नाव: बांगरमऊ विधानसभा के उपचुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मी चरम पर है। इस रोमांचक चुनावी लड़ाई में कांग्रेस से आरती वाजपेयी, बीजेपी से श्रीकांत कटियार, सपा से सुरेश पाल तथा बसपा से महेश पाल मैदान में हैं। इस चतुष्कोणीय लड़ाई में ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाताओं का मत निर्णायक हो सकता है।

       सपा से बदलू खां का टिकट कटने से मुस्लिम मतदाताओं की नाराजगी का दंश भी सपा को झेलना पड़ सकता है, कही ऐसा न हो कि नाराजगी के कारण यह वोट कांग्रेस में खिसक जाये। एक मात्र ब्राह्मण चेहरा होने के कारण ब्राह्मणों के मत का ध्रुवीकरण आरती वाजपेयी की तरफ होता दिख रहा है। पाल विरादरी के दो प्रत्याशी होने का भी नुकसान सपा और भाजपा को उठाना पड़ सकता है। बसपा  पिछले चुनावो की भांति हाँसिये पर जाती दिख रही है।

      स्थानीय समीकरणों को देखते हुए क्षत्रिय मतदाता भी बीजेपी से छिटकता हुआ प्रतीत हो रहा है। ऊंट किस करवट बैठेगा

यह दस तारीख को परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन आज की सम्भावित लड़ाई कांग्रेस भाजपा और सपा के बीच ही सिमटकर रह गई है।

      उधर जिला निर्वाचन कार्यालय ने भी चुनावी तैयारियां पूरी कर ली हैं। संवेदन व अति संवेदनशील पोलिग बूथों पर विशेष डिजिटल निगरानी के साथ सुरक्षा कर्मी भी बेहद सतर्क रहेंगे। विधानसभा में चुनाव कराने के लिए दो नवंबर सोमवार को पोलिग पार्टियां रवाना की जाएंगी। वहीं, तीन नवंबर को उपचुनाव में 343008 मतदाता वोट देकर बांगरमऊ विधान सभा का भाग्य लिखेंगे।

       विधानसभा में उपुचनाव के लिए कुल मतदाताओं के बीच पुरुष वोटर 187397 तो महिलाएं 155580 मतदाता होंगी। वहीं, उपचुनाव में थर्ड जेंडर 31 वोट देंगे। उपचुनाव में विधानसभा को सात जोनल मजिस्ट्रेट की निगरानी में रखा गया है। वहीं जोनल मजिस्ट्रेटों के अंतर्गत 54 सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाए गए हैं। जो मतदान के दौरान पूरी तरह सक्रिय रहते हुए विधानसभा की पोलिग व्यवस्था पर निगाह रखेंगे।

       विधानसभा के उपचुनाव में इस बार जहां कुल मतदान केंद्र 279 बनाए गए हैं। वहीं 507 पोलिग बूथ बनाए गए हैं। कोविड-19 के प्रोटोकॉल को बरकरार रखने के लिए विधानसभा में पहली बार 110 सहायक पोलिग बूथ बनाए गए हैं। जिस पोलिंग बूथ पर एक हजार से अधिक मतदाता हुए हैं, उनकी अतिरिक्त संख्या कवर करने के लिए सहायक पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।


(बांगरमऊ चुनावी रणक्षेत्र से स्कोर्पियन हेराल्ड के सह सम्पादक विनोद मिश्र की रिपोर्ट)