अर्नव हत्यारा है या नही...पूँछता है भारत ? (विनोद मिश्र की रिपोर्ट)

अर्नब गोस्वामी बहुत बड़ा नाम बन गया है। इन्होंने अपने ऑफिस का इंटीरियर जिस आदमी से करवाया उसका नाम अन्वय नायक है। उसने बैंक से लोन लेकर अर्नव गोस्वामी के आफिस का डेकोरेशन किया। लेकिन अर्नब ने नायक का पैसा वार-बार माँगने पर भी नही दिया, जिसकी वजह से नायक बहुत ही परेशान चल रहा था। दूसरी तरफ बैंक वालों ने उसका जीना मुश्किल कर दिया था। 
नायक, अर्नब गोस्वामी के सामने खूब गिड़गिड़ाया, अपने परिवार का वास्ता दिया लेकिन अर्नब ने एक भी ना सुनी। उसने पुलिस का सहारा भी लिया लेकिन फडनवीस की भाजपा सरकार और अर्नब गोस्वामी की भाजपा में पकड़ के आगे उसकी एक भी ना चली। 
वो अर्नब के ऑफिस जाकर बार-बार पैसे की मांग करता रहा लेकिन अर्नब को सरकार ने जो Y श्रेणी की सुरक्षा दे रखी है वो नायक को मिलने भी नहीं दे रही थी।
अंततः निराश अन्वय नायक ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट (फोटो संलग्न) में अपनी माली हालात और अर्नब गोस्वामी द्वारा पैसे ना देने को जिम्मेदार ठहराया लेकिन फडणवीस सरकार ने इस मुद्दे को दबा दिया। ठाकरे की सरकार बनने पर अन्वय की बीवी ने गुहार लगाई तब जाके FIR हुईं। इसी केस में अर्नब को अरेस्ट किया गया है।
अर्नव गोस्वामी हत्यारा है या नही ?  
अब पूँछता है भारत...
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(स्कोर्पियन हेराल्ड के सह सम्पादक विनोद मिश्र की रिपोर्ट)